मुझे जब जब बहारों कल चमन था - The Indic Lyrics Database

मुझे जब जब बहारों कल चमन था

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - खानदान | वर्ष - 1965

View in Roman

मुझे जब जब बहारों का ज़माना याद आएगा
कहीं अपना भी था इक आशियाना याद आएगाकल चमन था आज इक सहरा हुआ
देखते ही देखते ये क्या हुआ
कल चमन था ...मुझको बरबादी का कोई ग़म नहीं -२
ग़म है बरबादी का क्यों चर्चा हुआ
कल चमन था ...एक छोटा सा था मेरा आशियाँ -२
आज तिनके से अलग तिनका हुआ
कल चमन था ...सोचता हूँ अपने घर को देखकर -२
हो न हो ये है मेरा देखा हुआ
कल चमन था ...देखने वालों ने देखा है धुआँ -२
किसने देखा दिल मेरा जलता हुआ
कल चमन था ...