तेल मालिश बुत पालिशो - The Indic Lyrics Database

तेल मालिश बुत पालिशो

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मुकेश | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - तेल मलिश बूट पोलिश | वर्ष - 1961

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मु : तेल मालिश बूट पालिश
एक आना बूट पालिश दो आना तेल मालिशगाढ़े पसीने की ये अपनी कमाई है
ना तो किसी की चोरी ना कोई सीना-ज़ोरी
हाथों से रोटी जो कमाई है तो खाई है
को : एक आना बूट पालिश ...बंगले में रहते नहीं रहते हैं चाल में
ख़ुश ही रहे हैं यारों रहें जिस हाल में
फाक़े भी काटे पर मांगी नहीं पाई है
को : एक आना बूट पालिश ...लाखों की तमन्ना है न महलों का ख़्याल है
सुबह-शाम रोटी मिले इतना सवाल है
तो भी न जीने दे ये दुनिया दुहाई है
को : एक आना बूट पालिश ...दुनिया में छोटा नहीं कोई छोटे काम से
छोटा है जो पेट भरे किसी खोटे काम से
हाथों की मेहनत में कौन सी बुराई है
को : एक आना बूट पालिश ...