दिल के अफसाने निगाहों की जुबान तक पहुंचे - The Indic Lyrics Database

दिल के अफसाने निगाहों की जुबान तक पहुंचे

गीतकार - अहमद रहीह | गायक - नूरजहां | संगीत - सलीम इकबाल | फ़िल्म - बाजी (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1963

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दिल के अफ़साने निगाहों की ज़ुबां तक पहुँचे
बात चल निकली है अब देखें कहाँ तक पहुँचेसहमे-सहमे हुए जज़बात ने अंगड़ाई ली
सोए-सोए हुए नग़मात ने अंगड़ाई ली
खुद से शरमाये हुए उनके जहाँ तक पहुँचे
बात चल निकली है अब देखें कहाँ तक पहुँचेजिनकी आँखों ने कई बार किये हम से सवाल
उनकी यादों से महकने लगी वीरान खयाल
लेके दामन में बहारें वो ख़िज़ां तक पहुँचे
बात चल निकली है अब देखें कहाँ तक पहुँचे