इक गरम चाय की प्याली - The Indic Lyrics Database

इक गरम चाय की प्याली

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, अनु मलिक | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - हर दिल जो प्यार करेगा/प्यार कभी भी हो सकता है | वर्ष - 2000

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इक गरम चाय की प्याली हो
कोई उसको पिलाने वाली हो
चाहें गोरी हो या काली हो
सीने से लगाने वाली हो
मिट जाए तो मिट जाए हर गम
तर रम पम पम
छिन पक पक

सुबह सुबह मैं निकलूं घर से चूम के उसकी आँखें
हर लम्हा बस याद करूं उसकी चाहत की बातें
उसके लिए हो जीना मरना और भला क्या मुझको करना
मेरे लिए खुशहाली हो उसके बिना सब खाली हो
चाहें गोरी हो ...

रात को जब मैं वापस आऊं वो दरवाज़ा खोले
लेके मुझको बाहों में love you darlingबोले
सजके मेरे सामने आए सारे दिन की थकन मिटाए
उसकी अदा निराली हो वो मेरी घरवाली हो
चाहें गोरी हो ...