ये कली जब तलाक फूल बन के खिले - The Indic Lyrics Database

ये कली जब तलाक फूल बन के खिले

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर, महेंद्र कपूर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - आए दिन बहार के | वर्ष - 1966

View in Roman

ल: ये कली जब तलक फूल बन के खिले,
इन्तज़ार, इन्तज़ार, इन्तज़ार करो, इन्तज़ार करो
रफ़ी: इन्तज़ार वो भला क्या करे, तुम जिसे
बेकरार, बेकरार, बेकरार करो,
ल: इन्तज़ार करोम: प्यार में प्यार की भी इज़ाज़त नहीं -२
बेरुखी है अजी ये मुहौब्बत नहीं
ल: आ रहा है मज़ा, तुम शिकायत यही,
बार बार, बार बार, बार बार करो, इन्तज़ार करोल: हुस्न पे तो असर होने वाला नहीं -२
इश्क़ तुम को ना कर दे दीवाना कहीं
म: है ये दीवानगी भी क़ुबूल, तुम अगर
हमसे प्यार, हमसे प्यार, हमसे प्यार करो,
ल: इन्तज़ार करोम: रोज़ हमने बयान ये फ़साना किया -२
रोज़ तुमने नया एक बहाना किया
ल: ये बहाना मगर, आखिरी है सनम
ऐतबार, ऐतबार, ऐतबार करो, इन्तज़ार करो