चले जाना जरा थाहरो किसी का दम निकलता है - The Indic Lyrics Database

चले जाना जरा थाहरो किसी का दम निकलता है

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश, शारदा | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - दुनिया भर में | वर्ष - 1967

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मु : चले जाना ज़रा ठहरो किसी का दम निकलता है
ये मंज़र देखकर जाना
शा : चले जाना ज़रा ...मु : अभी आए हो बैठो तो ये मौसम भी सुहाना है
अभी तो हाल-ए-दिल तुमको निगाहों से सुनाना है
नज़र प्यासी ये दिल प्यासा
किसी का दम ...शा : हसीं झरनों के साये में अकेला छोड़ जाते हो
हमारे दिल को आख़िर किसलिए तुम तोड़ जाते हो
ज़रा दम लो कहा मानो
किसी का दम ...मु : हमारी जान हो तुम भी अगर चल दीं तो क्या होगा
तुम्हारे बिन बहारों में ख़ुशी क्या है मज़ा क्या है
ओ जान-ए-मन न जाओ तुम
किसी का दम ...शा : क़सम खाती हूँ मैं अपनी तुम्हें अब ना सताऊँगी
तुम्हारी बात जो भी हो वही मैं मान जाऊँगी
भरी आँखें झुकी पलकें
किसी का दम ...
दो : चले जाना ज़रा ...