गार्डिश में होन तारे ना गबराना प्यारे - The Indic Lyrics Database

गार्डिश में होन तारे ना गबराना प्यारे

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - मुकेश | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - रेशमी रूमाल | वर्ष - 1961

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गर्दिश में हों तारे, न घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे, तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे...मुझको मेरी आशा, देती है दिलासा -२
आयेंगी बहारें चली जाएगी ख़िज़ा
हो, आस्मां ये नीला-नीला करे है इशारे
गर्दिश में हों तारे...बाज़ुओं में दम है, फिर काहे का ग़म है -२
अपने इरादे हैं, उमंगें हैं जवां
हो, मुशिलें कहाँ हैं, उम्हें मेरा दिल पुकारे
गर्दिश में हों तारे...दुनिया है सराय, रहने तो कह्म आए -२
आया है तो हँसी-खुशी रह ले तू यहाँ
हो, सुरमा है ज़िंदगी जो काँटों में गुज़ारे
गर्दिश में हों तारे...