रोका काई बार मैं दिल की उमंग को - The Indic Lyrics Database

रोका काई बार मैं दिल की उमंग को

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - मेरे सनम | वर्ष - 1965

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र: हो हो हो ओ आहा
आ: हो हो हो ओ आहार: रोका कई बार मैंने दिल की उमंग को
क्या करूं मैं अपनी निगाहों की पसंद को
ओ जाने जां, तू ही मेरे प्यार का जहान है, हो ...
आ: रोका कई बार मैंने दिल की उमंग को
क्या करूं मैं अपनी निगाहों की पसंद को
ओ जाने जां, तू ही मेरे प्यार का जहान है, हो ...आ: ( देखो मेरी आँखें तुम्हारा ही खुमार है
होठों की ये लाली सनम तेरा प्यार है )-२
दिल को लगाया मुझे तो इक़रार है
र: रोका कई बार ...र: (माना तेरा आँचल हाथों से अभी दूर है
बाहों में उठा लूं ये अरमां ज़ुरूर है )-२
मानो ना मानो दीवाना बेकुसूर है
आ: रोका कई बार ...आ: ( देखी तेरी सूरत जो इतने करीब से
घिर गयी मैं तो खयालों में अजीब से )-२
दिल पे क्या बीती ना पूछो ये गरीब से
( हाय क्या गरीब है!! अरे, एक तू ही धनवान है गोरी)र: रोका कई बार ...
आ: रोका कई बार ...