दिल लगाकर आपसे पछता रहे हैं जान ए मन - The Indic Lyrics Database

दिल लगाकर आपसे पछता रहे हैं जान ए मन

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - दुनिया भर में | वर्ष - 1967

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दिल लगाकर आपसे पछता रहे हैं जान-ए-मन
प्यार करने की सज़ा हम पा रहे हैं जान-ए-मनआँख कुछ ऐसी लड़ी नौकरी करनी पड़ी
आ गए बातों में हम दिल में छूटी फुलझड़ी
हाय हम तो फँस गए घबरा रहे हैं जान-ए-मन
प्यार करने की ...दिल तो पहले दे दिया दिलबर अपने हो चुके
पास जो पूँजी बची हाय वो भी खो चुके -२
हम तो अपने हाल पर शरमा रहे हैं जान-ए-मन
प्यार करने की ...