रुक जा जरा किधर को चल बाबू रे - The Indic Lyrics Database

रुक जा जरा किधर को चल बाबू रे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - इज्जत | वर्ष - 1968

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( रुक जा ज़रा हा
किधर को चला हा
रुक जा ज़रा किधर को चला
मैं सदके तेरे पे
बाबू रे बाबू रे बाबू रे हे
बाबू रे बाबू रे बाबू रे ) -२( रुक जा ओ दीवाने फिर पछतायेगा
ऐसी चाहने वाली कहीं ना पायेगा ) -२
ठीक नहीं तरसाना छोड़ भी दे तड़पाना
कर ले यहीं ठिकाना मत शरमा दुनिया से
बाबू रे बाबू रे बाबू रे हे
बाबू रे बाबू रे बाबू रे( बाट तू चले तू ऐसे जैसे मोर चले
तेरे रूप के आगे कोई ना ज़ोर चले ) -२
हाय रे तेरी जवानी अलबेली मस्तानी
हो गई मैं दीवानी तुझसे आँख मिला के
बाबू रे बाबू रे बाबू रे हे
बाबू रे बाबू रे बाबू रे( लूट के दिल को मेरे क्यूँ अंधेर करे
यही है रुत मिलने की काहे देर करे ) -२
सुन ले मेरी दुहाई कर ले आज सगाई
थाम ले नरम कलाई गोरा हाथ बढ़ा के
बाबू रे बाबू रे बाबू रे हे
बाबू रे बाबू रे बाबू रेरुक जा ज़रा हा
किधर को चला हा
रुक जा ज़रा किधर को चला
मैं सदके तेरे पे
बाबू रे बाबू रे बाबू रे हे
बाबू रे बाबू रे बाबू रे