सावन की रात मन ऐसा भी होता हैं - The Indic Lyrics Database

सावन की रात मन ऐसा भी होता हैं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर, तलत महमूद | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - प्रेम पत्रा | वर्ष - 1962

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सावन के रात में ऐसा भी होता है
राही कोई भूला हुआ तूफ़ानों में खोया हुआ
राह में आ जाता हैतेरी नजर से इसे देख
दिल से मेरे तुम ये महसूस कर लो
तूफ़ान ये मेरे दिल से उठा है
चाहो तो तुम अपने दामन में भर लो
तूफ़ानों में खोया ...हारा हुआ था अंधेरे को राही
मंज़िल से पहले ??? आ रही थी
तुम दूर लेकर चली आई
मेरे चरागों से लौ जा रही थी
तेरे लिये ??? हैं हम दिल जानता है
तूफ़ानों में ...