गा रहही है जिंदगी हर तराफ बहार मन किस लिए - The Indic Lyrics Database

गा रहही है जिंदगी हर तराफ बहार मन किस लिए

गीतकार - प्रदीप | गायक - आशा भोंसले, महेंद्र कपूर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - आंचल | वर्ष - 1960

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(म: गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ बहार में किस लिये
अश: चार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लिये) -२म: आ गया आँचल किसी का आज मेरे हाथ में -२
अश: है चकोरी आज अपने चँद्रमा के साथ में -२
म: चल पडी दो किश्तीयाँ आज एक धार में किस लिये
अश: चार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लिये
म: गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ बहार में किस लिये
अश: चार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लियेअश: (छू रही तन मन को मेरे प्रीत की पुर्वाईयाँ
दूर की अम्ब्राईओं में गुँजती शेहनाईयाँ) -२
म: सौ गुना निखार है आज तो सिंगार में किस लिये
अश: चार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लिये
म: गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ बहार में किस लिये
अश: चार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लियेअश: ज़िंदगी भर के लिये तू बाँह मेरी थाम ले -२
जब तलक ये साँस है हर साँस तेरा नाम ले -२
म: इक नयी दुनिया खडी अपने इंतेज़ार में किस लिये
अश: चार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लिये
म: गा रही है ज़िंदगी हर तरफ़ बहार में किस लिये
अश: चार चांद लग गये हैं तेरे मेरे प्यार में इस लिये