चला भी आ, आ जा रसिया - The Indic Lyrics Database

चला भी आ, आ जा रसिया

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता - रफी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - मन की आंखें | वर्ष - 1970

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चला भी आ, आ जा रसिया
जानेवाले आ जा तेरी याद सताये
ख़्वाबोंका घरौंदा कहीं टूट ना जाये
मुरझा चले हैं अरमान सारे
धुंधला गये हैं सभी उजले नजारे
कैसे जिऊँगी गमों के सहारे
तरसी निगाहें मेरी तुझको सदाये दे, धड़कन पुकारे
चला भी आ, आ जा रसिया, बैठी हूँ मैं कब से तेरी आस लगाये
इतना बता जा तेरे जी में क्या है
ला के दोराहे पे बिछड़ना बुरा है
इस जिन्दगी का तू ही आसरा है
क्या वो खता है मेरी जिस पे खफा है तू जिसकी सजा है
चला भी आ, आ जा रसिया, दिल तो गया मेरा कही जान ना जाये
मेरी लगन को कहा तू ने जाना
तेरे लिये तो मेरा दिल है दीवाना
हर सांस मेरी, तेरा ही तराना
ये जिंदगानी क्या है तेरी कहानी है, तेरा फ़साना
तेरा मेरा वो है रिश्ता के टूटे जो बलायें भी तो टूट न पाये