महफिल सोई ऐसा कोई होगा कहां - The Indic Lyrics Database

महफिल सोई ऐसा कोई होगा कहां

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - इंतेकाम | वर्ष - 1969

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महफ़िल सोई ऐसा कोई -२
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई ऐसा कोई
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई( रात गाती हुई गुनगुनाती हुई
बीत जायेगी यूँ मुस्कुराती हुई ) -२
सुबह का समाँ पूछेगा कहाँ
गये मेहमाँ जो कल थे यहाँ
महफ़िल सोई ऐसा कोई
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई( आज थम के गज़र दे रहा है ख़बर
कौन जाने इधर आये ना सहर ) -२
किसको पता ज़िंदगी है क्या
टूट ही गया साज़ ही तो थामहफ़िल सोई ऐसा कोई
होगा कहाँ जो समझे ज़ुबाँ मेरी आँखों की
महफ़िल सोई