ये मेरी मंज़िल नहीं हर सू अंधेरा है यहाँ - The Indic Lyrics Database

ये मेरी मंज़िल नहीं हर सू अंधेरा है यहाँ

गीतकार - तनवीर नकवी | गायक - नूरजहां | संगीत - खुर्शीद अनवर | फ़िल्म - सरहद (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1966

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ये मेरी मंज़िल नहीं
ये मेरी मंज़िल नहीं हर सू अंधेरा है यहाँ
ऐ मेरी क़िस्मत चली है तू मुझे ले कर कहां
ये मेरी मंज़िल नहींमैंने जिसके ख़्वाब देखे थे कभि
वो मेरी मंज़िल है वादी नूर की
मेरी मंज़िल चाँदनी की लहर है
मेरी मंज़िल रोशनी का शहर है
मेरी मंज़िल है उजालों का जहांये मेरी मंज़िल नहीं हर सू अंधेरा है यहाँ
ऐ मेरी क़िस्मत चली है तू मुझे ले कर कहां
ये मेरी मंज़िल नहींसोचती थी वो भी होंगे हमसफ़र
जगमगा उट्ठेगी सारी रहगुज़र
प्यार से बाँहों में बाँहें डाल कर
हम चलेंगे जब वफ़ा की राह पर
राह पर होंगे सितारे कहकशाँये मेरी मंज़िल नहीं हर सू अंधेरा है यहाँ
ऐ मेरी क़िस्मत चली है तू मुझे ले कर कहां
ये मेरी मंज़िल नहीं -३