मुद्दत हुई है यार को मेहमान किए हुये - The Indic Lyrics Database

मुद्दत हुई है यार को मेहमान किए हुये

गीतकार - ग़ालिब | गायक - नूरजहां | संगीत - तस्दक हुसैन | फ़िल्म - ग़ालिब (पाकिस्तानी-फ़िल्म) | वर्ष - 1961

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मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किये हुये
जोश-ए-क़दह से बज़्म चिराग़ाँ किये हुएफिर जी में है कि दर पे किसी के पड़े रहें
सर ज़ेर बार-ए-मिन्नत-ए-दर्बाँ किये हुएजी ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए'ग़ालिब' हमें न छेड़ कि फिर जोश-ए-अश्क से
बैठे हैं हम तहय्या-ए-तूफ़ाँ किये हुए