है बस के हर एक उनके इशारे मन निशान और - The Indic Lyrics Database

है बस के हर एक उनके इशारे मन निशान और

गीतकार - ग़ालिब | गायक - नूरजहां | संगीत - तस्दक हुसैन | फ़िल्म - ग़ालिब (पाकिस्तानी-फ़िल्म) | वर्ष - 1961

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है बस के हर एक उनके इशारे में निशाँ और -२
करते हैं मुहब्बत तो ग़ुज़रता है गुमाँ और
है बस के हर एक उनकेया रब न वो समझे हैं न समझेंगे मेरी बात -२
दे और दिल उनको जो न दे मुझको ज़बाँ और
है बस के हर एक उनकेतुम शहर में हो तो हमें क्या ग़म जब उठेंगे -२
ले आयेंगे बाज़ार से जाकर दिल-ओ-जाँ और
है बस के हर एक उनकेहैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे

हैं और भी दुनिया में सुखनवर बहुत अच्छे -२
कहते हैं के ग़ालीब का है अन्दाज़-ए-बयाँ और -२
है बस के हर एक उनके इशारे में निशाँ और
है बस के हर एक उनके