इनसानों ने पैसे के लिए - The Indic Lyrics Database

इनसानों ने पैसे के लिए

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - रवि | फ़िल्म - पैसा या प्यार | वर्ष - 1969

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इनसानों ने पैसे के लिए आपस का प्यार मिटा डाला-२
हँसते बसते घर फूँक दिए धरती को नर्क बना डाला ...मिट्टी से निकाला सोने को सोने से बनाए महल मगर-२
जज़्बातों के नाज़ूक रिश्ते को मिट्टी के तले दफ़ना डाला ...दीन और धरम को हार दिया नेकी को बदी पर वार किया-२
मंदिर मस्जिद और गिर्जों को बैंकों की भेंट चढ़ा डाला ...प्यार अपनी जगह ख़ुद दौलत है ये बात ना समझी इनसान ने-२
कुदरत की बनाई दौलत का सिक्कों में मोल लगा डाला ...