ये रात ये फ़िज़ायें फिर आयेन या ना आयन - The Indic Lyrics Database

ये रात ये फ़िज़ायें फिर आयेन या ना आयन

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - एस मदन | फ़िल्म - बटवारा | वर्ष - 1961

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ये रात ये फ़िज़ायें फिर आये या न आये
आओ शमा बुझा के हम आज दिल जलायेंये नर्म सी खामोशी ये रेशमी अँधेरा
कहता है ज़ुल्फ़ खोलो रुक जायेगा सवेरा
जुगुनू से मिल के चमके तारे से झिलमिलायें
आओ शमा बुझा के ...भीगी हुई हवायें अब रात ढल रही है
ऐसे में दो दिलों की इक शम्मा जल रही है
ये प्यार का उजाला मिल के अमर बनायें
आओ शमा बुझा के ...