हुए हैं तुम पे आशिक हम भला मानो बुरा मानो - The Indic Lyrics Database

हुए हैं तुम पे आशिक हम भला मानो बुरा मानो

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - मेरे सनम | वर्ष - 1965

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हुए हैं तुम पे आशिक़ हम, भला मानो बुरा मानो
ये चाहत अब ना होगी कम, भला मानो बुरा मानो
Guitar ....ये रूठी सी नज़र ये माथे की शिकन-२
लिबास-ए-रंग में ये बल खाता बदन
है प्यासा प्यार का ये सारा बाँकपन-२
हो हो हो प्यार क्या है जान-ए-तमन्ना अब तो पहचानो
हुए हैं तुम पे ...
Guitar ....अजी इक हम तो क्या, हो तुम ऐसे हसीन-२
फ़रिश्ता भी तुम्हे, अगर देखे कहीं
तो जन्नत भूल के बहक जाये यहीं-२
हो हो हो प्यार क्या है ...
हुए हैं तुम पे ...
Guitar ....तुम्ही को चुन लिया, नज़र की बात है-२
लिया ग़म आपका, जिगर की बात है
हो तुम फिर भी खफ़ा, असर की बात है-२
हो हो हो प्यार क्या है ...
हुए हैं तुम पे ...
Guitar ....