जहान दाल दाल पर सोने की चिड़ियां करती हैं बसेरा - The Indic Lyrics Database

जहान दाल दाल पर सोने की चिड़ियां करती हैं बसेरा

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - हंसराज बहल | फ़िल्म - सिकंदर-ए-आज़म | वर्ष - 1965

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जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़ियां करती है बसेरा
वो भारत देश है मेराजहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का
पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेराये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि
जपते प्रभु नाम की माला
जहाँ हर बालक एक मोहन है
और राधा हर एक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर
डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेराअलबेलों की इस धरती के
त्योहार भी है अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है
कहीं हैं होली के मेले
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का
चारो और है घेरा
वो भारत देश है मेराजहाँ आसमान से बाते करते
मंदिर और शिवाले
जहाँ किसी नगर मे किसी द्वार पर
कोई न ताला डाले
प्रेम की बंसी जहाँ बजाता
है ये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा ...