चली पीई के नगर सज के दुल्हन - The Indic Lyrics Database

चली पीई के नगर सज के दुल्हन

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - आरती अंकलीकर | संगीत - वनराज भाटिया | फ़िल्म - सरदारी बेगम | वर्ष - 1996

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चली पी के नगर सजके दुल्हन
मैके में जी घभरावत है
अब साँचे नगर को जाना है
ये झूठा नगर कहलावत हैझूले पीपल अमुवा छाँव
पनघट मेले गलियाँ गाँव
बाबुल मैया सखियाँ अंगना
सब छोड के गोरी जावत हैदिल थम थम ऐसे धड़कत है
रह-रह के दिया ज्यों धड़कत है
मन तड़पत भी है मिलने को
और लाज भी मन को आवत है