हमसे ना पुछो हम कहां चलें - The Indic Lyrics Database

हमसे ना पुछो हम कहां चलें

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - चाइना टाउन | वर्ष - 1962

View in Roman

हमसे न पूछो हम कहाँ चले
ये दिल जहाँ ले चला वहाँ चले
नज़ारे पीछे-पीछे बहारें पीछे-पीछे
दीवानों का जिधर कारवाँ चले
हमसे न पूछो ...दुनिया है शहर अरमानों का
बिखरे-बिखरे अफ़सानों का
फ़साने ये सुनाते चले हैं हम गाते
कि जैसे नग़्मों का कारवाँ चले
हमसे न पूछो ...सपनों का चमन है रंग लिए
धरती-गगन को है संग लिए
डाली पे कली झूमें बनके जैसे फूल
क़दम तले जैसे आसमाँ चले
हमसे न पूछो ...नैया पे चले जब हौले से
पानी में बहक गए शोले से
नज़र को मिलाए जो हम लहराए
तो लहरों ने पूछा कहाँ चले
हमसे न पूछो ...