ले के पहला पहला प्यार, भर के आंखों में खुमार - The Indic Lyrics Database

ले के पहला पहला प्यार, भर के आंखों में खुमार

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा - रफी - शमशाद बेगम | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - सी. आय. डी. | वर्ष - 1956

View in Roman

ले के पहला पहला प्यार, भर के आँखों में खुमार
जादूनगरी से आया है कोई जादूगर
मुखड़े पे डाले हुये जुल्फों की बदली
चली बलखाती कहाँ रुक जाओ पगली
नैनोवाली तेरे द्वार, ले के सपने हज़ार
जादूनगरी से आया है कोई जादूगर
चाहे कोई चमके जी, चाहे कोई बरसे
बचना है मुश्किल, पिया जादूगर से
देगा ऐसा मंतर मार, आख़िर होगी तेरी हार
जादूनगरी से आया है कोई जादूगर
सुन सुन बातें तेरी गोरी मुसकाई रे
आई आई देखो देखो, आई हँसी आई रे
खेलें होंठों पे बहार, निकला गुस्से से भी प्यार
जादूनगरी से आया है कोई जादूगर