तेरी तसवीर भी तुझ जैसी हसीन है लेकिन - The Indic Lyrics Database

तेरी तसवीर भी तुझ जैसी हसीन है लेकिन

गीतकार - न्याय शर्मा | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - किनारे किनारे | वर्ष - 1963

View in Roman

तेरी तसवीर भी तुझ जैसी हसीं है लेकिन
इस पे क़ुर्बान मेरी जान-ए-हज़ीं है लेकिन
ये मेरी ज़ख़्मी उमंगों का मुदावा तो नहींadditional stanza from the video:
ज़ब्त की ताब न कहने का सलीका मुझ को
उस पे ये ज़ुर्म के ख़ामोश है तसवीर तेरी
घुटके मर जाऊँ मगर किसी को ख़बर तक भी न हों
कैसी चट्टानों से टकराई है तक़दीर मेरीहाल-ए-दिल इस बुत-ए-काफ़िर को सुनाऊँ कैसे
इसके रुख़्सारों की शादाबी को छेड़ूँ क्योंकर
इसके होंठों के तबस्सुम को जगाऊँ कैसे
तेरी तसवीर भी तुझ जैसी ...यही तसवीर तसव्वुर में उतर जाने पर
चाँद की किरणों से गो बढ़के निखर जाती है
दर्द पलकों से लिपट जाता है आँसू बन कर
मेरी एहसास की दुनिया ही बिखर जाती हैइस लिये तेरी तसव्वुर से नहीं ख़ुद तुझसे
इल्तिजा करता हूँ बस इतना बता दे मुझको
क्या मेरी दिल की तड़प का तुझे एहसास भी है -२
वर्ना फिर मेरी ही वहशत में सुला दे मुझकोतेरी तसवीर भी तुझ जैसी हसीं है लेकिन
इस पे क़ुर्बान मेरी जान-ए-हज़ीं है लेकिन
ये मेरी ज़ख़्मी उमंगों का मुदावा तो नहीं