उल्झ गए दो नैना देखो - The Indic Lyrics Database

उल्झ गए दो नैना देखो

गीतकार - रवि | गायक - लता मंगेशकर, हेमंत कुमार | संगीत - रवि | फ़िल्म - एक साल | वर्ष - 1957

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उलझ गये दो नैना, देखो
उलझ गये ...ल : प्रीतम उलझी लट सुलझाये
हे : गोरी का चन्दा सा मुख शरमाये
दो : प्रीतम उलझी लट सुलझाये
गोरी का चन्दा सा मुख शरमाये
प्रीत की डोरी में बाँध कर दोनो मन ही मन मुसकाये रे
देखो उलझ गये दो नैना ...ल : जब तक घर न आये साँवरिया
हे : तड़पे है गोरी जैसे जल बिन मछरिया
ल : बाट तकत अपने साजन की
राह में नैन बिछाये देखो
दो : उलझ गये दो नैना ...ल : रात रुपहली तारों की छैंय्या
हे : सैंय्या के हाथों में गोरी गोरी बैंय्या
दो : रात रुपहली तारों की छैंय्या
हे : सैंय्या के हाथों में गोरी गोरी बैंय्या
ल : लाज भरे नैनों से मन की बात कही न जाये
देखो उलझ गये दो नैना
दो : उलझ गये दो नैना
देखो उलझ गये दो नैना