कतर दाले हैं पर सय्याद ने वरना ये दिखलाते - The Indic Lyrics Database

कतर दाले हैं पर सय्याद ने वरना ये दिखलाते

गीतकार - फारूक शेख | गायक - मधुबाला झावेरी | संगीत - कृष्णदयाल | फ़िल्म - मलिका सलोमी | वर्ष - 1953

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कतर डाले हैं पर सय्याद ने, वरना ये दिखलाते -२
जहाँ भी जाके तू छुपता, वहीं उड़कर चले आते
कतर डाले हैं पर ...अगर ये जानते सुन लेगी दुनिया धड़कनें दिल की -२
भरी महफ़िल में तेरे प्यार के नग़में नहीं गाते
कतर डाले हैं पर ...शिकायत क्या करें दुनिया से, जब तक धीर हो अपनी -२
भरोसा करते क़िस्मत पे, न यूँ दिन रात पछताते
कतर डाले हैं पर ...हमारे हाल का कुछ ग़म न करना, अब हमारा क्या
अगर पहलू से बच जाते तो तूफ़ानों से टकराते
कतर डाले हैं पर ...