अपने होन्थोन की बंसि बनाने मुजे - The Indic Lyrics Database

अपने होन्थोन की बंसि बनाने मुजे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - गेम्बलर | वर्ष - 1971

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ल: अपने होंठों की बंसी बनाले मुझे
मेरी साँसों में तेरी साँस घुल जाएकि: आरज़ू तो हमारी भी है ये मगर
डर है मौसम कहीं ना बदल जाएल: देखा तुझे, चढ़ा ये कैसा नशा
चली ये कैसी हवा, भुले हम घर का पता, हो हो
अब तो नहीं हमसे होना जुदा
अपनी बाहों का घूँघट उढ़ा दे मुझे
प्यार की ये ना डोली निकल जाए
कि: आरज़ूहो हो होये तो बता, कहाँ रखूँ ये कमल
ज़िंदगानी है मेरी, रेत का एक महल, हो हो
याद जैसे हो कोइ आती गज़ल
अपनी रातों का दीपक बनाले मुझे
ये सुलगती हुई शाम जल जाएदोनो: पास तो आ, ये दिन मर जाने का है
हो ये दिन कुछ खोने का है
ये दिन कुछ पाने का है
मौसम ये रूठने मनाने का हैअपने दामन की खुशबू बनाले मुझे
दिल के सूने में कोइ फूल खिल जाए
आरज़ू