सावन का महिना आया हैं - The Indic Lyrics Database

सावन का महिना आया हैं

गीतकार - समीर | गायक - अनुराधा पौडवाल, मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - आई मिलन की रात | वर्ष - 1991

View in Roman

सावन का महीना आया है घटा से बरसा है पानी
वे माहिया बुझा दे प्यास जिया की होऐसे में तूने जो छुआ मेरी भी महकी जवानी
वे माहिया बुझा दे ...तेरे हुस्न शबाब की बात हुई या मदिरा की बरसात हुई
मौसम भी शराबी लगता है मुझे भी चढ़िया नशा है
वे माहिया बुझा दे ...कोई ज़ोर न दिल पे चलता है बारिश में बदन मेरा जलता है
बूंदों में छुपी है चिंगारी हवा भी सुइयां चुभाये
वे माहिया बुझा दे ...हम मिलते रहे जनम जनम न होंगे जुदा हम मिल के सनम
आ इक दूजे में खो जायें रहे न कोई भी दूरी
वे माहिया बुझा दे ...