हर नई रात मत छेड़ जिंदगी के खामोश तार - The Indic Lyrics Database

हर नई रात मत छेड़ जिंदगी के खामोश तार

गीतकार - कैफ इरफानी | गायक - लता मंगेशकर, तलत महमूद | संगीत - रोशन | फ़िल्म - रागरंग | वर्ष - 1952

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त: हर नयी रात, नया ददर् लिये आती है
नींद आँखों से, बहुत दूर हुई जाती हैमत छेड़ ज़िंदगी के खामोश तार सो जा
दिल-ए-बेक़रार सो जा-२तारे चमक के अपनी मंज़िल को जा रहे हैं-२
मंज़िल की याद में हम आँसू बहा रहे हैं-२
हर रात कह रही है, अए अश्क़्बार सो जा
दिल-ए-बेक़रार सो जा ...ल: ओ~~~ ओ~~ ओ~~~
नज़रें चुराने वाले नज़रें ज़रा उठाना, नज़रें ज़रा उठाना
सीखा कहाँ से तूने उल्फ़त में दिल जलाना, उल्फ़त में दिल जलाना
ओ दिल जलाने वाले, कहता है प्यार सो जा
दिल-ए-बेक़रार सो जा ...