सपनों की सुहानी दुनिया को - The Indic Lyrics Database

सपनों की सुहानी दुनिया को

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - तलत महमूद | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - शिकस्त | वर्ष - 1953

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सपनों की सुहानी दुनिया को
आँखों में बसाना मुश्किल है
अपनों से बताना मुश्किल है
गैरों से छुपाना मुश्किल हैमेरा बचपन बीत चुका है
दिल का लड़कपन बाकी है
मैं अपने आप को समझा लूँ
पर दिल को मनाना मुश्किल है
सपनों की सुहानी दुनिया को ...एहसान तेरा कैसे भूलूँ
तेरे ग़म के सहारे ज़िंदा हूँ
वरना इन जाती साँसों का
फिर लौट के आना मुश्किल है
सपनों की सुहानी दुनिया को ...राह किसी की हुई न रोशन
मेरा जलना यूँ ही गया
हम आग लगा बैठे हैं मगर
ये आग बुझाना मुश्किल है
सपनों की सुहानी दुनिया को ...