जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता है - The Indic Lyrics Database

जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता है

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, हरिहरन | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - नायक द रियल हीरो | वर्ष - 2001

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जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता हैहो
कभी मीठी लगती है कभी खट्टी लगती है -२जैसी भी है तू मुझको हाय अच्छी लगती है
कभी कभी मीठी लगती है कभी कभी खट्टी लगती है
कभी कभी मीठी लगती हैहो
कभी झूठा लगता है कभी सच्चा लगता हैकभी झूठा लगता है सच्चा लगता है
जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता है
( कभी कभी झूठा लगता है कभी कभी सच्चा लगता है
कभी कभी झूठा लगता है हाय ) -२
पसइ पसइ पस पसइ -६ऊऊ
कभी मैं ये सोचूँ छू के तुझे देखूँ सच है या कोई सपना -२सच हूँ की सपना हूँ मैं तेरा अपना हूँओह सनम तेरी क़सम मेरा ऐतबार तू कर लेमैं बरखा तू बादल मेरी आँखों का काजलतू जहाँ मैं भी वहाँ तेरी जाँ मैं मेरी जाँ तूओ
कभी मीठी लगती है कभी खट्टी लगती है
हो ओ हो
कभी झूठा लगता है सच्चा लगता है
जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता हैओ
कभी लगे मोरनी सी कभी लगे चोरनी सी तुझको पुकरूँ किस नाम सेउ
कर दे तू एक इशारा मैं दौड़ी आऊँ याराछाँव-धूप मेरा रंग-रूप तेरे प्यार से है जुदाआ सब को छोड़ के आजा हर बंधन तोड़ के आजासाथ-साथ रहें संग-संग एक दूसरे के दिल मेंहो
कभी मीठी लगती है कभी खट्टी लगती है
कभी झूठा लगता है सच्चा लगता है
जैसा भी है तू मुझको हाय अच्छा लगता हैकभी कभी मीठी लगती है कभी कभी खट्टी लगती है
कभी कभी मीठी लगती हैकभी कभी झूठा लगता है कभी कभी सच्चा लगता है
कभी कभी झूठा लगता है हाय