चेहरे पे कुशी छा जाति हैं - The Indic Lyrics Database

चेहरे पे कुशी छा जाति हैं

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - वक्त | वर्ष - 1965

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चेहरे पे ख़ुशी छा जाती है आँखों में सुरूर आ जाता है -२
जब तुम मुझे अपना कहते हो अपने पे ग़ुरूर आ जाता है
चेहरे पे ख़ुशी ...तुम हुस्न की ख़ुद एक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं -२
शायद ये तुम्हें मालूम नहीं
महफ़िल में तुम्हारे आने से हर चीज़ पे नूर आ जाता है
जब तुम मुझे अपना ...हम पास से तुमको क्या देखें तुम जब भी मुक़ाबिल आते हो -२
तुम जब भी मुक़ाबिल आते हो
बेताब निगाहों के आगे परदा सा ज़रूर आ जाता है
जब तुम मुझे अपना ...जब तुमसे मुहब्बत की हमने तब जा के कहीं ये राज़ खुला -२
तब जा के कहीं ये राज़ खुला
मरने का सलीका आते ही जीने का शऊर आ जाता है
जब तुम मुझे अपना ...