आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफल हो जाये - The Indic Lyrics Database

आज सजन मोहे अंग लगा लो, जनम सफल हो जाये

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - गीता दत्त | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - प्यासा | वर्ष - 1957

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सखी री, बिरहा के दुखड़े सह सहकर जब राधे बेसुध हो ली
तो एकदिन अपने मनमोहन से जा कर यूँ बोली
आज सजन मोहे अंग लगा लो जनम सफल हो जाए
हृदय की पीड़ा, देह की अगनी, सब शीतल हो जाए
कई जुगों से हैं जागे, मोरे नैन अभागे
कहीं जिया नहीं लागे बिन तोरे
सुख दिखे नहीं आगे, दुःख पीछे-पीछे भागे
जग सूना सूना लागे बिन तोरे
प्रेम सुधा, मोरे साँवरीया, इतनी बरसा दो, जग जल-थल हो जाए
मोहे अपना बना लो, मोरी बाँह पकड़, मैं हूँ जनम-जनम की दासी
मोरी प्यास बुझा दो, मनहर गिरीधर मैं हू अंतर्घट तक प्यासी
प्रेम सुधा, मोरे साँवरीया, इतनी बरसा दो, जग जल-थल हो जाए