कुछ लोग रुथ कर भी - The Indic Lyrics Database

कुछ लोग रुथ कर भी

गीतकार - मसरूर अनवर | गायक - नूरजहां | संगीत - निसार बज्मी | फ़िल्म - एंडलीब (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1969

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कुछ लोग रूठ कर भी लगते हैं कितने प्यारे
चुप रह के भी नज़र में हैं प्यार के इशारे
कुछ लोग रूठ कर भी ...गुज़री है जो भी हम पर उनको बताएं कैसे
अफ़साना-ए-ग़म-ए-दिल उनको सुनाएं कैसे
हम ने छुपा लिये हैं पलकों में अश्क सारे
कुछ लोग रूठ कर भी ...हम उनपे बेरुख़ी का इलज़ाम क्यों लगाएं
उनकी जफ़ा का ऐ दिल हम क्यों बुरा मनाएं
जो चाहें अब करें वो दिल पर सितम हमारे
कुछ लोग रूठ कर भी ...इस दिल में कैसे कैसे तूफ़ां मचल रहे हैं
अपनी ही आग में हम चुप-चाप जल रहे हैं
हैं कितने ख़ूबसुरत इस आग के शरारे
कुछ लोग रूठ कर भी ...