निगाहें मिलाने को जी चाहता है - The Indic Lyrics Database

निगाहें मिलाने को जी चाहता है

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोसले | संगीत - रोशन | फ़िल्म - दिल ही तो है | वर्ष - 1963

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राज़ की बात है महफ़िल में कहें या ना कहें
बस गया है कोई इस दिल में कहें या ना कहें
निगाहें मिलाने को जी चाहता है
दिल-ओ-जान लुटाने को जी चाहता है
वो तोहमत जिसे इश्क कहती है दुनिया
वो तोहमत उठाने को जी चाहता है
किसी के मनाने में लज्ज़त वो पाई
कि फिर रूठ जाने को जी चाहता है
वो जलवा जो ओझल भी है सामने भी
वो जलवा चुराने को जी चाहता है
जिस घड़ी मेरी निगाहों को तेरी दीद हुई
वो घड़ी मेरे लिए ऐश की तम्हीद हुई
जब कभी मैंने तेरा चाँद सा चेहरा देखा
ईद हो या कि न हो, मेरे लिए ईद हुई
वो जलवा जो ओझल भी है सामने भी
वो जलवा चुराने को जी चाहता है
नी रे ग
ग रे ग नी रे म
म ग म नी रे ग
ग रे ग नी ग रे, रे ग, ग म, म ध नी
सा सा नी नी ध ध प प ग रे
सा नी ध प म ग रे
नी ध प म ग रे सा नी रे ग
मुलाक़ात का कोई पैगाम दीजे
कि छुप छुप के आने को जी चाहता है
और आके ना जाने को जी चाहता है