हाय रे इंसान की मजबूरियां - The Indic Lyrics Database

हाय रे इंसान की मजबूरियां

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - घूँघट | वर्ष - 1960

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हाय रे इन्सान की मजबूरियाँ -२
पास रह कर भी हैं कितनी ( दूरियाँ ) -२
हाय रे इन्सान की ...कुछ अँधेरे में नज़र आता नहीं
कोई तारा राह दिखलाता नहीं
जाने उम्मीदों की मंज़िल है कहाँ -२
हाय रे इन्सान की ...शमा के अंजाम की किसको ख़बर
ख़त्म होगी या जलेगी रात भर
जाने ये शोला बनेगी या धुआँ -२
हाय रे इन्सान की ...