क्यों झुकी-झुकी हैं पलकें - The Indic Lyrics Database

क्यों झुकी-झुकी हैं पलकें

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - छैला बाबू | वर्ष - 1960

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मु : ( क्यों झुकी-झुकी हैं पलकें )-२ मेरी जाँ ये बात क्या है
ल : मेरे दिल मैं कैसे कह दूँ मुझे प्यार हो गया है
मु : क्यों झुकी-झुकी ...

ल : ये घटा भी आज हम पर मोती लुटा रही है
हमें देख कर कली भी सर को झुका रही है
मु : मेरे दिल की बात सुनने ये हवा भी आ रही है
ल : ये गगन भी देखता है
मु : देखे तो हर्ज क्या है
क्यों झुकी-झुकी ...

ये शरम न हमसे कीजे हम भी तो हैं तुम्हारे
किरनों से माँग भर दें कर दो अगर इशारे
ल : दिल गा रहा है नग़मा बस में नहीं हमारे
मु : मौसम भी झूमता है
ल : झूमें तो हर्ज क्या है
मेरे दिल मैं कैसे ...
मु : क्यों झुकी-झुकी ...