अंगुथि में नगीना इना को मिल गई मिना - The Indic Lyrics Database

अंगुथि में नगीना इना को मिल गई मिना

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, सहगान, पूर्णिमा | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - ईना मीना दीका | वर्ष - 1994

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अंगूठी में नगीना ईना को मिल गई मीना
दिल लेने दिल देने का अब आएगा मज़ा
कह दो आज ज़माने से शमा से परवाने से
अब मुश्किल होगा जीना ईना को मिल गई मीना
दिल लेने दिल देने ...आँखों में तेरे सपने हैं लब पे तराना है तेरा
आजा ख्यालों में बसा लूं तू तो दीवाना है मेरा
देखें तुझे ही मेरी निगाहें वो तेरी बातें दिल को चुरा लें
धड़कनों में बन्द कर लूं दूर अब जाए ना
आया है मस्त महीना ईना को मिल गई मीना
दिल लेने दिल देने ...बाहों तेरी बाहें बीतेगी ज़िंदगी मेरी कैसे बताऊं जान-ए-जानां
मुझको मिली है क्या खुशी
यादों के दिन हैं ख्वाबों की रातें भूलेंगी कैसे यह मुलाकातें
हो गए हैं अब पूरे अरमां रब से मांगू क्या आ आ
बिन तेरे चैन कहीं न ईना को मिल गई मीना
दिल लेने दिल देने ...