आज रो लेने दे वे जी भर के - The Indic Lyrics Database

आज रो लेने दे वे जी भर के

गीतकार - Nil | गायक - Nil | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - 2016

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आज रो लेने दे वे जी भर के
मेरी साँसों से दग़ा कर के
तू गया मुझको फ़ना कर के वे जानिया
मेरा ज़ख्म-ए-दिल हरा कर दे
इस ग़म की अब दवा कर दे
नज़रों को बावफ़ा कर दे वे जानिया
आदत है तेरी या तेरा नशा है
कैसे बताऊँ तुझको रहबरा
साँसों को तेरी ज़रूरत, करे कैसे बयाँ कोई
आँखों में है ऐसी रंगत कि रोशन को जहाँ कोई
दिल बिमार-ए-मोहब्बत है
बस चाहता थोड़ी राहत है
तेरा ग़म ही मेरी मंज़िल है
तू न क्यों मुझको हासिल है
हूँ मैं दरिया तू ही साहिल है वे जानिया
ज़िंदा हूँ है मुझको हैरत
मैं तेरे बिन जिया कैसे
साँसों ने कि ऐसी जुर्रत
ज़हर हँस के पिया कैसे
तेरे दर्द से मेरी निस्बत है
तेरी यादों की हसीं सोहबत है
अश्कों से दिलको तर कर दे
मेरी आहों में असर भर दे
मेरी नज़रों पे नज़र कर दे वे जानिया