लगता नहीं है जी मेरा उजादे दयार में - The Indic Lyrics Database

लगता नहीं है जी मेरा उजादे दयार में

गीतकार - बहादुर शाह ज़फ़री | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - लाल किला | वर्ष - 1960

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लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में
किस की बनी है आलम-ए-ना-पायेदार मेंबुलबुल को बाग़बां से न सैय्याद से गिला
क़िस्मत में क़ैद थी लिखी फ़सल-ए-बहार मेंउम्र-ए-दराज़ माँग के लाये थे चार दिन
दो आरज़ू में कट गये, दो इंतज़ार मेंकह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़दार मेंहै कितन बदनसीब ज़फ़र दफ़्न के लिये
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में