उल्फ़त की नई मंज़िल को चल - The Indic Lyrics Database

उल्फ़त की नई मंज़िल को चल

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - शोभा गुरतु | संगीत - माइकेल डन्ना | फ़िल्म - कामसूत्र | वर्ष - 1998

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उल्फ़त की नयी मंज़िल को चला तू बाहें डाल के बाहों में
दिल तोड़ने वाले देख के चल, हम भी तो पड़े हैं राहों मेंक्या क्या न जफ़ाएं दिल पे सहीं, पर तुम पे कोई शिक़वा ना किया
इस जुमर् को भी शामिल कर लो मेरे मासूम ग़ुनाहों मेंजब चांदनी रातों में तू ने, ख़ुद हम से किया इक़रार-ए-वफ़ा
फिर आज हैं क्यों हम बेगाने, तेरी बेरहम निग़ाहों मेंहम भी हैं वही तुम भी हो वही ये अपनी अपनी क़िसमत है
तुम खेल रहे हो ख़्हुशियों से, हम डूब गये हैं आहों मेंदिल तोड़ने वाले देख के चल, हम भी तो पड़े हैं राहों में