चांद तकता है इधर आओ कहीं चुप जाएं - The Indic Lyrics Database

चांद तकता है इधर आओ कहीं चुप जाएं

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - दूज का चांद | वर्ष - 1964

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चाँद तकता है इधर आओ कहीं छुप जाएँ
कहीं लागे ना नज़र आओ कहीं छुप जाएँ -२र : फूल शाख़ों से झुके जाते हैं होंठों की तरफ़
झोंके बल खा के मुड़े जाते हैं ज़ुल्फ़ों की तरफ़
छोड़ कर इनकी डगर आओ कहीं छुप जाएँ
कहीं लागे ना नज़र ...सु : मैं ही देखूँ सजन दूजा न देखे तोहे
का ख़बर कौन सौतनिया तोरा मन मोहे
ओ दिल पे डालो न असर आओ कहीं छुप जाएँ
चाँद तकता है ...