मारे गे गुलाफाम अजी हां - The Indic Lyrics Database

मारे गे गुलाफाम अजी हां

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - तीसरी कसम | वर्ष - 1966

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( मारे गये गुलफ़ाम
अजी हाँ मारे गये गुलफ़ाम ) -२
उल्फ़त भी रास ना आई
अजी हाँ मारे गये गुलफ़ामइक सब्ज़परी देखी
और दिल को गँवा बैठे
( मस्ताना-निगाहों पर
फिर होश लुटा बैठे ) -२
फिर होश लुटा बैठे
काहे को मैं मुस्कुराईअजी हाँ मारे गए गुलफ़ाम
मारे गये गुलफ़ाम
अजी हाँ मारे गये गुलफ़ामअबरू की कटारी से
नैनों की दोधारी से
( वो हो के रहे ज़ख़्मी
इक बाद-ए-बहाअरी से ) -२
इक बाद-ए-बहाअरी से
ये ज़ुल्फ़ क्यों लहराईअजी हाँ मारे गये गुलफ़ाम
मारे गये गुलफ़ाम
अजी हाँ मारे गये गुलफ़ामइस प्यार की महफ़िल में
वो आये मुक़ाबिल में
( वो तीर चले दिल पर
हलचल सी हुई दिल में ) -२
हलचल सी हुई दिल में
चाहत की सज़ा पाईअजी हाँ मारे गये गुलफ़ाम
मारे गये गुलफ़ाम
अजी हाँ मारे गये गुलफ़ाम
उल्फ़त भी रास ना आई
अजी हाँ मारे गये गुलफ़ाम