हमारे देश में हमाने गानव के पनाघाट पे - The Indic Lyrics Database

हमारे देश में हमाने गानव के पनाघाट पे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - एक बेचारा | वर्ष - 1972

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हमारे देश में कहते थे हर लड़की हिन्दुस्तानी
या राधा है या सीता है या झाँसी की रानी
रामा हो रामा -३हमने गाँव के पनघट पे भई
हमने गाँव के पनघट पे देखी थी पनिहारियाँ
चक्कर खा गए हम तो रे भैया देख शहर की नारियाँ
हो होयहाँ सड़के हैं वहाँ गलियाँ थीं
यहाँ काँटे हैं वहाँ कलियाँ थीं
वहाँ टांगा था यहाँ टमटम है
वहाँ गोरी थी यहाँ madamहै
वहाँ पायल थी यहाँ sandalहै
वहाँ झूमर था यहाँ pandelहै
वहाँ घूँघट था यहाँ जलवा है
वहाँ शान्ति थी यहाँ बलवा है
बात-बात पे करती हैं ये लड़ने की तैयारियाँ
चक्कर खा गए हम ...कोई बुलबुल है कोई तितली कोई शोला है कोई बिजली है
कोई M.A.है कोई B.A.है कोई-कोई तो P.A.है
बस नाम ही तो एक असली है बाक़ी जो है सब नक़ली है
कैसी डोली क्या बाराती ख़ुद चुन लें ये जीवन-साथी
( शादी से पहले करती हैं ) -२ अक्सर प्रेम कुवाँरियाँ
चक्कर खा गए हम ...