तुमसे ओ हसीना कभी मोहब्बत ना मैंने करणी थी - The Indic Lyrics Database

तुमसे ओ हसीना कभी मोहब्बत ना मैंने करणी थी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सुमन कल्याणपुर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - फर्ज़ | वर्ष - 1967

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तुमसे ओ हसीना कभी मोहब्बत न मैने करनी थी
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दियातुमसे ओ दीवाने कभी मोहब्बत न मैने करनी थी
मगर मेरे दिल ने मुझे धोखा दे दियाआग सुलग गई नस नस में
नींद रही न रहा चैन बस में
तोड़ी जाए ना अब मुझसे
प्यार की ये रस्में कसमें
आ गई बुलबुल कफ़स में
तौबा मेरी तौबा ये हालत न मैने करनी थी
मगर मेरे दिल ने मुझे ...लोग ये मुझको हैं समझाते
बीत रही थी हँसते गाते
मैने तुम्हें किसलिए छेड़ा
राहों में आते जाते
मुझे सब हैं सताते
तौबा मेरी तौबा ये शरारत न मैने करनी थी
मगर मेरे दिल ने मुझे ...शाम सवेरे दिल घबराए
राज़-ए-दिल ना खुल जाए
रात हमारे सपनों में छुप के
रोज़ कोई आए जाए
काहे नेहा लगाए
तौबा मेरी तौबा ये क़यामत न मैने करनी थी
मगर मेरे दिल ने मुझे ...