बहारों ने मेरा चमन लुउत करो - The Indic Lyrics Database

बहारों ने मेरा चमन लुउत करो

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मुकेश | संगीत - रोशन | फ़िल्म - देवर | वर्ष - 1966

View in Roman

बहारों ने मेरा चमन लूटकर
खिज़ां को ये इल्ज़ाम क्यों दे दिया
किसीने चलो दुश्मनी की मगर
इसे दोस्ती नाम क्यों दे दिया
बहारों ने मेरा ...मैं समझा नहीं ऐ मेरे हमनशीं
सज़ा ये मिली है मुझे किस लिये (२)
के साक़ी ने लब से मेरे छीन कर
किसी और को जाम क्यों दे दिया
बहारों ने मेरा ...मुझे क्या पता था कभी इश्क़ में
रक़ीबों को कासिद बनाते नहीं (२)
खता हो गई मुझसे कासिद मेरे
तेरे हाथ पैगाम क्यों दे दिया
बहारों ने मेरा ...खुदाया यहाँ तेरे इन्साफ़ के
बहुत मैंने चर्चे सुने हैं मगर (२)
सज़ा की जगह एक खतावार को
भला तूने ईनाम क्यों दे दियाबहारों ने मेरा चमन लूटकर
खिज़ां को ये इल्ज़ाम क्यों दे दिया ...