कांटों से खिंच के ये आंचल, तोड के बंधन बांधी पायल - The Indic Lyrics Database

कांटों से खिंच के ये आंचल, तोड के बंधन बांधी पायल

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - मार्गदर्शक | वर्ष - 1965

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काँटों से खिंच के ये आँचल, तोड़ के बंधन बांधी पायल
कोई ना रोको दिल की उड़ान को, दिल वो चला
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
अपने ही बस में नहीं मैं, दिल है कही तो हूँ कही मैं
जाने क्या पा के मेरी जिन्दगी ने, हँस कर कहा
मैं हूँ गुबार या तूफां हूँ, कोई बताये मैं कहाँ हूँ
डर है सफ़र में कही खो न जाऊँ मैं, रस्ता नया
कल के अंधेरों से निकल के, देखा है आँखे मलते मलते
फूल ही फूल जिन्दगी बहार है, तय कर लिया