आ अब लौट चलें - The Indic Lyrics Database

आ अब लौट चलें

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक, उदित नारायण | संगीत - नदीम सैफ़ी, श्रवण राठौड़ | फ़िल्म - आ अब लौट चलें | वर्ष - 1999

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दुल्हन सी सजी धरती
खुला वह आसमान
हो दुल्हन सी सजी धरती
खुला वह आसमान
बुलाता है हमें फिर वह
चाहत का जहां
आ अब लौट चलें
हो ू आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
हो ू आ अब लौट चलें

अनजान था मैं
नादान था मैं
तेरे प्यार को
जो न समझ पाया
तूने इतना बेचैन किया
मैं तेरे पास चला आया
तेरी सांसें मेरा जीवन
मेरे दिल में तेरा घर है
ज़रा देखे कोई इसको
यह जन्नत से भी सुन्दर है
बिना तेरे नहीं चाइना
नहीं चैना यहाँ
आ अब लौट चलें
हो ू आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
हाँ ाँ आ अब लौट चलें

एक पल के लिए
एक दिन के लिए
न दूर मैं तुझसे जाउंगी
तेरी पलकों की
इन गलियों में
सपनो की सेज सजाऊंगी
तुझे देखूं तुझे चाहूं
तेरी खुशबू में खो जाऊं
यही मेरी तमन्ना है
तेरी बाहों में सो जाऊं
दर्द-इ-दिल नहीं सहना
नहीं सहना यहां
आ अब लौट चलें
हो ू आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें

दुल्हन सी सजी धरती
खुला वह आसमान
बुलाता है हमें फिर वह
चाहत का जहां
आ अब लौट चलें
हो ू आ अब लौट चलें
आ अब लौट चलें
हो ू आ अब लौट चलें.