कोई कर दिखाए जलवा - The Indic Lyrics Database

कोई कर दिखाए जलवा

गीतकार - इरशाद कामिल | गायक - शान | संगीत - संजोय चौधरी | फ़िल्म - आ वेडनेसडे | वर्ष - 2008

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कोई डर सा जाए कोई
कर दिखाये जलवे
कोई सर झुकाके कोई
सर उठाके यहाँ पे चला
कोई डर सा जाए कोई
कर दिखाये जलवे
कोई मरना जाने कोई
कर न जाने जरा हौसला
है भीड़ में लापता
है आदमी पूछता
क्या है ख़ुशी का पता यहाँ

दिल पे राज के लाखों
बोझ से मिलके सोच ले
आ जाओ होंगे काम यह कैसे
बनते रोज यहाँ पे नक़्शे
कोई न किसीको भी बख्शे
दोनों हाथों से ही
लुटे यहाँ सभी आदमी
कैसा यह काम
है ख़ास न हो सका
आदमी क्यों आम है यहाँ

कोई डर सा जाए
कोई कर दिखाये जलवे
कोई सर झुकाके कोई
सर उठाके यहाँ पे चला
कोई डर सा जाए कोई
कर दिखाये जलवे
कोई मरना जाने कोई
कर न जाने जरा हौसला
कोई डर सा जाए कोई
कर दिखाये जलवे
कोई सर झुकाके कोई
सर उठाके यहाँ पे चला
कोई डर सा जाए कोई
कर दिखाये जलवे
कोई मरना जाने कोई
कर न जाने जरा हौसला
थोड़ा मतलबी है
थोड़ा लालची है
बाँदा जो यह माने
फ़र्ज़ भी है कोई धंदा
दे दो मेरे हाथों
में दुनिया लौटा दूंगा
मैं सबको खुशियाँ
जहां यह गाये जा
मीठा सा तराना गाए जा
है हौसला साथ में
ले ायूँगा ढूंड के
धुप को मैं रात में यहाँ
कोई डर सा जाए कोई
कर दिखाये जलवे
कोई सर झुकाके कोई
सर उठाके यहाँ पे चला
कोई डर सा जाए कोई
कर दिखाये जलवे
कोई मर न जाने कोई
कर न जाने जरा हौसला.